आज के इस लेख में हम आपको networking devices के बारे में बताने वाले हैं यह क्या हैं और यह कैसे काम करती हैं और कितने प्रकार की यह होती हैं तो अगर in सभी के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आप हमारे साथ बने रहीए क्योंकि हम आपको आज इन सभी के बारे सरल भाषा में विस्तार से बताने वाले हैं
Networking Devices -
वह devices हैं जो किसी भी कंप्यूटर, laptop, प्रिंटर को आपस में एक नेटवर्क से जोड़ती हैं और उन्हें हम networking devices कहते हैं और उनके बीच में एक नेटवर्क का निर्माण करती हैं
Types Of networking devices
- Hub
- Switch
- Router
- Repeater
- Gateway
- Modem
- Bridge
- Access point
1. Hub -
hub एक physical नेटवर्किंग डिवाइस हैं जिसका उपयोग हम बहुत सारे LAN नेटवर्क या कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करने में करते हैं hub को एक फूलिश डिवाइस माना जाता हैं यह अन्य डिवाइस की भांति itelligent नहीं होता है hub काम कैसे करता हैं जब हम एक कंप्यूटर से hub के जरिए दूसरे कंप्यूटर में डाटा पैकेट send करते हैं तो hub उसे एक पर्टिकुलर कंप्यूटर में ना भेजकर, वह अपने से जुड़े सभी कंप्यूटर को वह डाटा पैकेट भेज देता हैं
Hub का के कुछ drawback इस प्रकार के हैं पहला drawback यह हैं की hub जो हैं बेहद कम सिक्योर होता हैं और इसमें डाटा सेंडिंग स्पीड कम होती हैं और यह अनचाहा traffice को क्रिएट करता हैं
Hub दो प्रकार के होते हैं( Type Of Hub)-
- Active hub
- Passive hub
2. Switch -
switch एक physical नेटवर्किंग डिवाइस हैं मतलब की यह एक हार्डवेयर डिवाइस हैं और इसका उपयोग हम बहुत सारे LAN नेटवर्क या कम्प्यूटर्स को आपस में एक नेटवर्क में कनेक्ट करने के लिए करते हैं switch जो वह hub की तरह फूलिश नहीं हैं यह एक itelligent डिवाइस हैं switch में बहुत सारे पोर्ट्स होते हैं जिसमे हम Ethernet cable के जरिए कंप्यूटर के NIC पोर्ट से कनेक्ट करते हैं
Switch में जब हम एक कंप्यूटर से डाटा पैकेट दूसरे कंप्यूटर में send करते हैं तो switch सिर्फ उसी कंप्यूटर को वह डाटा पैकेट send करता हैं जिसको हमने भेजा हैं switch यह काम mac एड्रेस के जरिए करता हैं
Switch को उपयोग करने कुछ फायदे हैं जैसे की यह एक itelligent डिवाइस हैं और इसमें अनचाहा traffice क्रिएट नहीं होता हैं और यह hub की तुलना में ज्यादा सिक्योर हैं
बोनस टिप : - नेटवर्किंग की field में hub और स्विच का उपयोग सिर्फ LAN (Local Area Network) नेटवर्क में ही किया जाता हैं
3. Router -
Router भी एक नेटवर्किंग डिवाइस हैं और इसका उपयोग MAN (Metropolitan Area Network ) जैसे बड़े नेटवर्क में किया जाता हैं यह भी एक itelligent डिवाइस हैं यह ip address के जरिए, एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर के काम को अंजाम देता हैं Router एक ऐसा डिवाइस हैं जिसके माध्यम से हम LAN और WAN दोनों network को आपस में जोड़ सकते हैं
मान लीजिए आपका एक ऑफिस शहर के उत्तर में हैं और दूसरा ऑफिस शहर के दक्षिण वाले भाग में हैं और आप दोनों के ऑफिस के सभी कंप्यूटर में डाटा कनेक्शन बिठाना चाहते हैं तो आपको router का उपयोग करना पड़ेगा आपको अपने दोनों ऑफिस के Lan network में router को कनेक्ट करना हैं इसके बाद आप आसानी से डाटा communication का कार्य कर पाएँगे
4. Repeater -
रिपीटर एक नेटवर्किंग डिवाइस हैं जो की एक हार्डवेयर के फॉर्म में होता हैं और यह नेटवर्किंग की physical length को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता हैं रिपीटर इनकमिंग वीक सिग्नल्स को regenerate और power फुल बनाकर नेटवर्किंग में आगे फॉरवर्ड करता हैं
मान एक लीजिए आप दो LAN नेटवर्किंग के बीच में डाटा पैकेट को ट्रांसफर करना चाहते हैं अगर LAN नेटवर्किंग की वायर बेहद लम्बी हैं तो जब आप एक LAN नेटवर्क से डाटा पैकेट को दूसरे LAN नेटवर्किंग को भेजते हैं तो डाटा थोड़े आगे जाने के बाद एक TIME पर वीक होनी लगता हैं और ख़राब हो जाता हैं डाटा ख़राब ना हो इसके लिए हम दो LAN नेटवर्क के बीच में रिपीटर को लगाते हैं REPEAR आने वाले सिग्नल की वीक हो रही स्पीड को दुवारा से एम्प्लिफाई करने आगे फॉवर्ड कर देता हैं
5. Gateway -
एक नेटवर्क डिवाइस हैं जो बहुत स्मार्ट और itelligent हैं यह अन्य नेटवर्क डिवाइस की तरह सिर्फ डाटा को recieve और send करने का काम नहीं करता हैं बल्कि यह डाटा को डिसिमिलर नेटवर्क में डाटा को send करता हैं
Gateway की बात करें तो यह हमारे local नेटवर्क (LAN) को external नेटवर्क मतलब की इंटरनेट से कनेक्ट करता हैं gateway को आप एक सॉफ्टवेयर या फिर हार्डवेयर डिवाइस के रूप में उपयोग कर सकते हैं या फिर आप इसी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के रूप में उपयोग कर सकते हैं
यह दो डिफरेंट नेटवर्क में कनेक्शन को बनाता हैं अगर बात करें router और switch की तो ये दोनों सिर्फ LAN TO LAN या फिर MAN TO MAN मतलब की यह सिर्फ सिमिलर नेटवर्क ओर काम करता हैं और gateway जो हैं वह डिसिमिलर नेटवर्क को कनेक्ट करने का काम करता हैं
यह एक डिफरेंट नेटवर्क से आ रहे डाटा पैकेट को दूसरे डिफरेंट नेटवर्क के लिए सूटेबल करने के बाद उसको डाटा पैकेट फॉरवर्ड करता हैं
6. Modem -
मॉडेम एक नेटवर्किंग डिवाइस हैं जिसमे mo का मतलब modulation और जो डेम हैं उसका मतलब हैं demodulation !
मॉडेम एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल और डिजिटल को एनालॉग सिग्नल में कन्वर्ट करता हैं चलिए अब जान लेते हैं की मॉडेम काम कैसे करता हैं
जैसा की हम सभी जानते हैं की bit यानि की डाटा को binary नंबर के फॉर्म में समझता हैं तो यहाँ पर मॉडेम का काम यह की हमारे कंप्यूटर से जाने वाले डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिग्नल में कन्वर्ट करके आगे फॉरवर्ड करने का और हमारे कंप्यूटर में बाहर से आ रहे एनालॉग सिग्नल्स को डिजिटल सिग्नल में कन्वर्ट करके कंप्यूटर में भेजता हैं जिससे हमारा कंप्यूटर आसानी काम करता हैं
7. Bridge -
bridge का उपयोग हम एक नेटवर्किंग डिवाइस के रूप में उपयोग करते हैं bridge दो डिफरेंट topology ले lan नेटवर्क को कनेक्ट करने का काम करता है
यह नेटवर्क की data link लेयर या फिजिकल लेयर पर काम करता हैं यह कम्प्यूटर्स के mac एड्रेस को चेक करने के बाद डाटा पैकेट को फॉरवर्ड करता हैं या फिर डिस्कार्ड भी कर सकता हैं bridge काम कैसे करता हैं चलिए जान लेते हैं!
मान लीजिये की आपने रिंग topology के lan नेटवर्क और बस topology के lan नेटवर्क के बीच में bridge को कनेक्ट किया हैं अगर आप रिंग topology के किसी pc से bus topology के किसी pc तक भेजना हैं तो आपके द्वारा भेजा गया डाटा पैकेट पहले bridge के पास पहुंचेगा और उसके बाद यह bridge उस डाटा पैकेट के mac address को चेक करेगा और उसके mac एड्रेस पर भेज देगा!
बोनस टिप :- एक डाटा पैकेट में ip अड्रेस और mac address और बेहद सारी इनफार्मेशन मेंशन होती हैं
8. Access Point -
एक्सेस पॉइंट एक ऐसी नेटवर्किंग डिवाइस जो हमें किसी भी वायरलेस नेटवर्क जैसे की राऊटर, वायरलेस नेटवर्क से वायरलेस तरीके से जुड़ने के लिए एक एक्सेस पॉइंट क्रिएट करके देता हैंअन्य नेटवर्किंग से जुडी पोस्ट इन्हे भी पढ़िए -
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